Friday, December 18, 2020

भोजपुरी क्रान्तिकारी गीत

फुलल लाल–लाल छिहुलरिया

रतिया बीत गइल अँधियरिया

अजोरिया रंग बतरावै

बैरा सत–सत जावै

कि भौंरा रस में जहर मत घोल

कि भौंरा रस में जहर मत घोल–––––2


नीमिया के पेड़वा पे अमर बउरिया

नीमिया गइल पीयराय–––––2

पीपरा के पतिया ने खरकन लागे–––––2

जिनगी गइल बिलाय

कि बगिया अंग सरकावै

पोर–पोर पेड़ दुखिआवै

कि भौंरा रस में जहर मत घोल

कि भौंरा रस में जहर मत घोल


महुआ जो टप–टप चुवै भोरहरिया

अमवा गइल मोजराय–––––2

खून रे पसीनवा से अन–धन जुगतै–––––2

मेहनत जाइ लुटाइ

बदरवा मन बउरावै

बरधा खूँटवा तोरावै

कि भौंरा रस में जहर मत घोल

कि भौंरा रस में जहर मत घोल


मटिया समतजर फसम जनावर

अगिया त लपट बढ़ाय –––––2

अँगना से दुअरा ले रंग एक माटी–––––2

लाल अबीर उड़ाय

कि सुगना सगुन सुनावै

कि अगला दिन परियावै

कि भौंरा रस में जहर मत घोल

कि भौंरा रस में जहर मत घोल


फुलल लाल–लाल छिहुलरिया

रतिया बीत गइल अँधियरिया

अजोरिया रंग बतरावै

बैरा सत–सत जावै

कि भौंरा रस में जहर मत घोल

कि भौंरा रस में जहर मत घोल–––––2


(इस गीत का ऑडियो सुनने के बाद मैंने इसे यहाँ टाइप किया है, कुछ शब्द गलत हो सकते हैं. कृपया उसे सुधारने का सुझाव दें. )

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