Monday, November 4, 2024

दुनिया भर में डर --एदुआर्दो गालेआनो

(एदुआर्दो गालेआनो, उरुग्वे के कवि, लेखक और इतिहासकार थे. उन्हें लातिन अमेरिका के सबसे मशहूर लेखकों में गिना जाता है. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें से एक किताब का नाम 'लातिन अमरीका के रिसते जख्म' और दूसरी किताब का नाम 'आग की यादें' है. दोनों किताबें गार्गी प्रकशन से हिंदी में छप चुकी हैं.


जो लोग काम पर लगे हैं वे भयभीत हैं

कि उनकी नौकरी छूट जायेगी

जो काम पर नहीं लगे वे भयभीत हैं

कि उनको कभी काम नहीं मिलेगा

जिन्हें चिंता नहीं है भूख की

वे भयभीत हैं खाने को लेकर

लोकतंत्र भयभीत है याद दिलाये जाने से और

भाषा भयभीत है बोले जाने को लेकर

आम नागरिक डरते हैं सेना से,

सेना डरती है हथियारों की कमी से

हथियार डरते हैं कि युद्धों की कमी है

यह भय का समय है

स्त्रियाँ डरती हैं हिंसक पुरुषों से और पुरुष

डरते हैं निर्भय स्त्रियों से

चोरों का डर, पुलिस का डर

डर बिना ताले के दरवाज़ों का,

घड़ियों के बिना समय का

बिना टेलीविज़न बच्चों का, डर

नींद की गोली के बिना रात का और दिन

जगने वाली गोली के बिना

भीड़ का भय, एकांत का भय

भय कि क्या था पहले और क्या हो सकता है

मरने का भय, जीने का भय.

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