मेरा रंग दे बसंती चोला,
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला माएरंग दे बसंती चोला
दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी
अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...
जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला
हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...
बड़ा ही गहरा दाग है यारों जिसका गुलामी नाम है
उसका जीना भी क्या जीना जिसका देश गुलाम है
सीने में जो दिल था यारो
आज बना वो शोला
मेरा रंग दे बसंती चोला माए
रंग दे बसंती चोला ...
-प्रेम धवन
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