Tuesday, December 13, 2011

मजदूर का जन्म

एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !
हाथी सा बलवान,


जहाजी हाथों वालाऔर हुआ !
सूरज-सा इंसान,

तरेरी आँखोंवाला और हुआ !!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
माता रही विचारः


अँधेरा हरनेवाला और हुआ !
दादा रहे निहारः

सबेरा करनेवाला और हुआ !!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !
जनता रही पुकारः


सलामत लानेवाला और हुआ !
सुन ले री सरकार!

कयामत ढानेवाला और हुआ !!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !

-केदारनाथ अग्रवाल

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