Wednesday, October 25, 2017

दोस्त

हम मेज पर आमने-सामने बैठे
उसने कहा, अपने हाथों को काट डालो.
ये हमेशा चीजों को कुरेदते हैं.
मुझे छू भी सकते हैं ये.
मैंने कहा हाँ.

मेज पर धरा खाना ठंडा हो गया.
उसने कहा, ज़लाओ अपना शरीर
यह साफ़ नहीं  और कामुक गंध आती है इससे
यह मेरे मन घावों को रगड़ता है.
मैंने कहा हाँ.

मैं तुम्हें प्यार करती हूँ, मैंने कहा.
ये तो बहुत अच्छी बात है, उसने कहा
कोई प्रेम करे मुझे पसंद है
इससे मुझे खुशी मिलती है.
तुमने अपने हाथों को काटा कि नहीं ?

--मार्ज पियर्सी

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