Thursday, November 17, 2011

तोड़ो बंधन तोड़ो

तोड़ो बंधन तोड़ो
ये अन्‍याय के बंधन
तोड़ो बंधन तोड़ो बंधन तोड़ो बंधन तोड़ो…
हम क्‍या जानें भारत भी में भी आया है स्‍वराज
ओ भइया आया है स्‍वराज
आज भी हम भूखे-नंगे हैं आज भी हम मोहताज
ओ भइया आज भी हम मोहताज
रोटी मांगे तो खायें हम लाठी-गोली आज
थैलीशाहों की ठोकर में सारे देश की लाज
ऐ मज़दूर और किसानो, ऐ दुखियारे इन्‍सानों
ऐ छात्रो और जवानो, ऐ दुखियारे इन्‍सानों
झूठी आशा छोड़ो…
तोड़ो बंधन तोड़ो बंधन तोड़ो बंधन तोड़ो!


 सौ-सौ वादे  करके हमसे लिए जिन्होंने वोट
ओ भइया लिए जिन्होंने वोट
गरीबी हटाओ कहके हमको देते हैं ये चोट
ओ भइया देते हैं ये चोट
 नौकरी मांगे नारे मिलते कैसा झूठा राज
शोषण के जूतों से पीसकर रोता भारत आज
ऐ मज़दूर और किसानो, ऐ दुखियारे इन्‍सानों
ऐ छात्रो और जवानो, ऐ दुखियारे इन्‍सानों
झूठी आशा छोड़ो…
तोड़ो बंधन तोड़ो बंधन तोड़ो बंधन तोड़ो!


-इप्टा

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