Sunday, January 1, 2012

हड़ताल का गीत


जब तक मालिक की नस नस को हिला दे भूचाल

जारी है हड़ताल हमारी जारी है हड़ताल
ना टूटे हड़ताल हमारी ना टूटे हड़ताल
 
       हम इतने सारों को मिल ये गिद्ध अकेला खाता
       और हमारे हिस्से का भी अपने घर ले जाता
       हक मांगे हम अपना तो ये गुंडों को बुलवाता
       हम सबका शोषण करने को चले ये सौ-सौ चाल
       जारी है ...

सावधान ऐसे लोगों से जो बिचौलिया होते
और हमारे बीच सदा जो बीज फूट के बोते
और कि जिनके दम पर अफसर मालिक चैन से सोते
देखेंगे उनकों भी जो हैं सरकारी दल्लाल  
जारी है ...

       सही-सही मांगो को लेकर जब हम सामने आये
       इसके अपने सगे सिपाही बंदूके ले आये
       जाने अपने कितने साथी इसने हैं मरवाए
       लेकिन सुन लो अब हम सारे जलकर बने मशाल
                  जारी है ... 
- ब्रजमोहन

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