बेरुजगारी बड़ी बीमारी फैली बीच हमारे
पढ़े लिखे भी भारत के माह हांडे मारे–मारे
ग्यारा की औकात कहे जिस बी.ए. एम.ए. रोवें से
काट-काट दफ्तर के चक्कर आके भूके सोवें से
खोया से न्यूएं पढ़ के पैसा बात जाठा सारे
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मंत्रियो ने वजह बताई जनसंख्या बेकारी की
असली जड़ सरमाएदारी पाई उस बेमारी की
इस ए कारण हुई मंहगाई दीखे दिन में तारे
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भूखे प्यासे मात पिता रह म्हारी फीस पुगावें से
सोचें बेटा बनेगा अफसर आस घणी ले आवें से
जित जा पहला मांगे रिश्वत मीट और बोतल न्यारे
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हल हो ज्या यो बेकारी जो मिलके हम संघर्ष करें
तोड़ के ढांचा गला सडा यो अच्छे की जो नींव धरें
कह किसान हो सुखी जो मिट जा ये शोषक हत्यारे
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