Sunday, January 1, 2012

हो सावधान आया तूफ़ान

हो सावधान आया तूफ़ान
पर दूर नहीं है किनारा
हम ही मुसाफिर हम ही खिवैया
हम सब हिम्मत वाले
निकल पड़े मौजों से खेलने
देशभक्त मतवाले 
वीर बढ़ चलो धीर धर चलो
चीर चपल जलधारा
            है भय कोई? कोई भय नहीं
     है डर  कोई ? कोई डर  नहीं
     फिर दूर नही है किनारा -
     अजगर बन के  गरज रहा है
     सागर बाधाओं का
     एक हैं हम तो चमक रहा है
     तारा आशाओं का
     वीर बढ़ चलो, धीर धर चलो ...
साम्राज्य के छल से लड़ो
आजादी की खातिर
खूनी चंचल दल से लड़ो 
आजादी की खातिर
वीर बढ़ चलो धीर धर चलो
चीर चपल जलधारा ...
-इप्टा



No comments:

Post a Comment